Karma


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  1. किस्मत अज़ीब खेल रचा कर चली गयी, आईना सच का मुझको दिखा कर चली गयी.

    आयी थी जो उमीद की किरणे लिए हुए, मिट्टी में वही ख़्वाब मिला कर चली गयी...

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